भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर

                                             

जन्म : 

डॉ. भीमराव अम्बेडकर  का जन्म 14 अप्रैल 1891 को ब्रिटिश भारत के मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में स्थित महू नगर सैन्य छावनी में हुआ था। वे हिंदू महार जाति से संबंध रखते थे, जो तब अछूत कही जाती थी और इस कारण उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव सहन करना पड़ता था। भीमराव अम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत रहे थे और उनके पिता रामजी सकपाल, भारतीय सेना की महू छावनी में सेवारत थे तथा यहां काम करते हुये वे सूबेदार के पद तक पहुँचे थे।

शिक्षा :

 डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने मराठी और अंग्रेजी में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने  सातारा नगर में राजवाड़ा चौक पर स्थित शासकीय हाईस्कूल (अब प्रतापसिंह हाईस्कूल) में 7 नवंबर 1900 को अंग्रेजी की पहली कक्षा में प्रवेश लिया। इसी दिन से उनके शैक्षिक जीवन का आरम्भ हुआ था, इसलिए 7 नवंबर को महाराष्ट्र में विद्यार्थी दिवस रूप में मनाया जाता हैं।

बॉम्बे विश्वविद्यालय में स्नातक अध्ययन


1907 में, उन्होंने अपनी मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की और अगले वर्ष उन्होंने एल्फिंस्टन कॉलेज में प्रवेश किया, जो कि बॉम्बे विश्वविद्यालय से संबद्ध था। 1912 तक, उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान में कला स्नातक (बी॰ए॰) प्राप्त की I 

कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर अध्ययन

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर अध्ययन

संविधान निर्माण

29 अगस्त 1947 कोडॉ. भीमराव अम्बेडकर को स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना के लिए बनी संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक बुद्धिमान संविधान विशेषज्ञ थे, उन्होंने लगभग 60 देशों के संविधानों का अध्ययन किया था। डॉ. भीमराव अम्बेडकर को "भारत के संविधान का पिता" के रूप में मान्यता प्राप्त है।

संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था।अपने काम को पूरा करने के बाद, बोलते हुए, डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कहा:

मैं महसूस करता हूं कि संविधान, साध्य (काम करने लायक) है, यह लचीला है पर साथ ही यह इतना मज़बूत भी है कि देश को शांति और युद्ध दोनों के समय जोड़ कर रख सके। वास्तव में, मैं कह सकता हूँ कि अगर कभी कुछ गलत हुआ तो इसका कारण यह नही होगा कि हमारा संविधान खराब था बल्कि इसका उपयोग करने वाला मनुष्य अधम था।


पुस्तकें

  1. विच वे टू इमैनसिपेशन (मई 1936)
  2. पाकिस्तान और द पर्टिशन ऑफ़ इण्डिया/थॉट्स ऑन पाकिस्तान (1940)
  3. हू वेर दी शूद्राज़ ? (1946)
  4. द कैबिनेट मिशन एंड द अंटचेबल्स (1946)

     

    पुरस्कार और  सम्मान

    1990 में, डॉ. भीमराव अम्बेडकर को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

    मानद उपाधियाँ


    निधन

    1948 से, डॉ. भीमराव अम्बेडकर  मधुमेह से पीड़ित थे। अपनी अंतिम पांडुलिपि भगवान बुद्ध और उनका धम्म को पूरा करने के तीन दिन के बाद 6 दिसम्बर 1956 को आम्बेडकर का महापरिनिर्वाण नींद में दिल्ली में उनके घर मे हो गया।



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