देश में आज मनाया जा रहा संविधान दिवस, जानें क्या है इसका इतिहास
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, लेकिन इसे बनाना उतना ही मुश्किल काम था। यह ऐसा संविधान है, जिसमें देश के हर एक नागरिक के अधिकारों और उसकी आजादी का खयाल रखा गया है।
देशभर में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। बता दें कि यह संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। दरअसल, सन 1949 में 26 नवंबर के दिन ही भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था। इसी दिन को हम हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन हम संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाते हैं। साल 2015 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष में संविधान दिवस की शुरुआत हुई। 26 नवंबर 2015 को समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने संविधान दिवस के रूप में मनाने के केंद्र के फैसले को अधिसूचित किया था |
इन देशों के संविधानों की ली मदद
भारत के संविधान को बनाने में कुल 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन का समय लगा था। इस तरह से 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान पूरा बनकर तैयार हुआ। हमारे देश का संविधान पूरी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान बनाते समय कई देशों के नियमों को शामिल किया गया, जिससे आम लोगों के जीवन में बेहतरीन सुधार लाए जा सके। इसके लिए अमेरिका, आयरलैंड, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और युनाईटेड किंगडम जैसे देशों के संविधानों की सहायता ली गई।
मैं भारत का संविधान हूं, तुमको राह दिखाता हूं। 'पथ की सारी बारीकी को बारीकी से सिखलाता हूं।उलझे न भारत का कोई,सदा जतन यह करता हूं।रातों के अंधकार में भी, मैं दीपक सदा जलाता हूं।मैं भारत का संविधान हूँ,तुमको राह दिखाता हूं।
एक कवि अमलेंदु शुक्ला की ओर से लिखी गई यह लाइनें शायद सभी के लिए आज 26 नवंबर के दिन के महत्व को दर्शाती हैं। संविधान हम सभी को देश में जीने की राह की राह दिखाता है।
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